🌟 अपच🌟
🌟विवरण(explanation) :-
खाना इंसान के लिए बेहद जरूरी है।खाने से हमें ताकत मिलती है। इंसान जो खाता है उसे पेट पचाता है।अगर पेट की पाचन क्रिया रुक जाए तो यह गंभीर समस्या का कारण बन जाती है।
पाचन तंत्र के क्रिया में गड़बड़ी होने के कारण भोजन न पचने को अपच या अजीर्ण कहते हैं। यह खुद में कोई रोग नहीं है परंतु इसके कारण बहुत से रोग उत्पन्न हो सकते हैं। अगर अपच वाली स्थिति कई दिनों तक बनी रहती है तो मनुष्य के शरीर में खून की बनने की क्रिया में रुकावट आने लगती है और मनुष्य का शरीर कमजोर पड़ जाता है।इसलिए अपच को साधारण रोग नहीं समझना चाहिए।
🌟 लक्षण(symptoms) :-
☀ अपच के लक्षण:-
- अपच होने पर भूख ना लगना
- कभी कबार रोगी को घबराहट महसूस होना
- खट्टी खट्टी डकार आना
- छाती में तेज जलन होना
- जी मचलाना
- जीभ पर मैल जम जाना
- पेट फूलना
- नींद ना आना और दस्त का होना
- कब्ज की शिकायत होना
- पेट में हवा एवं गैस बनना
- भोजन हजम ना होने के कारण पेट में भारीपन महसूस होना
- मुंह में बार बार लगातार पानी का आना
- हर समय थोड़ी थोड़ी देर पर पेट में हल्का हल्का दर्द होना
- रोगी को पसीना आना
- सांस में दुर्गंध निकलना पादते समय भी।
🌟कारण(reason):-
समय से भोजन ना खाने पर कभी कबार भोजन अपच का कारण बन जाता है। जैसे, कुछ ही देर पहले खाए हुए भोजन के बाद फिर से भोजन खा लेने से दोनों भोजन अच्छे से पच नहीं पाते जिसके कारण अपच होता है।
🌟 अपच पेट के कुछ खास रोगो के कारण भी हो सकता है जैसे कि:-
- अल्सर(Ulcer)
- गर्ड
- पेट के कैंसर
- गैस्ट्रोपैरेसिस( Gastroparesis)
- पेट का संक्रमण
- चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम
- पुरानी अग्न्याशयशोथ (Chronic pancreatitis)
- थायराइड रोग(Thyroid)।
- एसि्परिन (Aspirin) और कई अन्य दर्द निवारक गोलियां
- एस्ट्रोजन और मौखिक गर्भ निरोधक
- स्टेरॉयड(steroid)
- कुछ एंटीबायोटिक दवाई
- थायराइड दवाएं
- कुछ जीवन शैली संबंधित आदतें भी अपच के लिए जिम्मेदार होती हैं
- उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ खाने, बहुत ज्यादा भोजन या तनावपूर्ण तिथियों के दौरान खाना पीना
- बहुत ज्यादा शराब पीने
🌟 उपचार:-
- अपच से बचने का सबसे आसान तरीका है,खान-पान संबंधित आदतों पर काबू रखना।
☀ अपच से बचने के सरल उपाय:-
- मिर्च, मसाले, गरिष्ठ ,भोजन ,मछली ,शराब ,अंडा आदि का सेवन ना करें
- हरी सब्जियां जैसे मूली, पालक ,मेथी, लोकी और परवल आदि का सेवन करें
- रेशे वाली चीजें अधिक मात्रा में खाएं
- चोकर वाले आटे की रोटी खाएं
- रात्रि के भोजन के बाद बाहर थोड़ा बहुत जरूर टहले
- धूम्रपान छोड़ दें
- मादक पेय पेय पदार्थों से बचें
- यदि अपच पुराना हो तो गेहूं की दलिया , मूंग की दाल, छाछ, पतली रोटी आदि के सिवाय और कुछ ना खाएं
- दिन में चार पांच गिलास पानी जरूर पिएं
- फ्रिज में रखा भोजन साग, सब्जी, दाल आदि ना खाए।सदैव ताजा तथा पौष्टिक भोजन करें
- मन में क्रोध ,ईर्ष्या ,तनाव आदि नकारात्मक विचारों को बिल्कुल ना आने दे।मन के विचारों का सीधा प्रभाव पेड़ पर पड़ता है।
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