Monday 14 October 2019

 सेब खाने के फायदे

🌟 परिचय(Introduction) :-

       सेब एक फल है जिसकी गणना उत्तम कोटि के फलों में की जाती है। इसका मूल देश यूरोप और एशिया के ठंडे पहाड़ी प्रदेश हैं। सेब के गुणों की प्रशंसा में अनेक लोकोक्तियां प्रसिद्ध हैं जैसे सोते समय रोजाना एक सेब खाते रहे तो डॉक्टर छाती पीट कर रहा जाए।
      सेब के पेड़ की ऊंचाई ज्यादा बड़ी नहीं होती है वह छोटा होता है। सेब अनेक प्रकार के होते हैं। इनमें गोल्डन डीलीशन, प्रिंस अल्बर्ट ,चार्ल्स रोस, न्यूटन वंडर,  बेमले सीडलिंग,   अमरीकन मधुर यह सेब के अलग-अलग प्रसिद्ध प्रकार हैं। सेब का अनेक अचार, मुरब्बा, चटनी और शरबत भी बनाया जाता है। 

🌟 स्वरूप(Types) :-
      सेब बहुत प्राचीन एवं पुराना फल है। सेब का उल्लेख चीन, बेबी लोन और मिस्र के साहित्यय में से मिलता है जिससे यह प्रमाणित हो जाता है कि ये बहुत ही प्राचीन फल है। इसकी बहुत सी प्रजातियां है और हर प्रजाति के स्वाद, आकार और रंगत में भिन्नताा होती। वर्तमान मैं लगभग 7000  प्रजातियां पाई गई है।
    भारत का पर्वतीय क्षेत्र जो कि जम्मू एवं कश्मीर,  हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड है जहां सेब का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है। कुछ हद तक इसकी खेती अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड ,पंजाब  और सिक्किम में भी की जाती है।उत्तराखंड के नैनीताल में इसकी सबसे ज्यादा पैदावार होती है। उत्पादन के मामले में दूसरे नंबर पर अल्मोड़ा है। हमारे भारत देश में कश्मीर का सेब काफी प्रसिद्ध है। भारत में सेब को एक व्यावसायिक फसल माना गया है। इसका उत्पादन क्षेत्र 6000 से 8000 फीट ऊंची पहाड़िया है। सेब की विशेषता यह है कि यह ऊपर से देखने में ठोस लगता है, परंतु इसका छिलका मुलायम और भीतरी भाग गुदेदार होता है।इसकी गोलाई 5 से 8 सेंटीमीटर तक होती है।

🌟 विशेषताएं(characteristics) :-
     सेब का स्वाद खट्टा-मीठा होता है। खट्टे मीठे स्वाद वाला सेब ही उत्तम माना जाता है।सेब पित्त वायु को शांत करता हैं। प्यास   मिटाता है और आंतों को मजबूत करता है। आमयुक्त  पेचिशक मिटाने का गुण भी सेब में है। सेब  को छीलकर नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसके छिलके मे बहुत सारे महत्वपूर्ण 

Sunday 13 October 2019

अपच के लक्षण,कारण,उपचार,घरेलू नुस्खे की जानकारी

🌟 अपच🌟

 

 🌟विवरण(explanation) :-

      खाना इंसान के लिए बेहद जरूरी है।खाने से हमें ताकत मिलती है। इंसान जो खाता है उसे पेट पचाता है।अगर पेट की पाचन क्रिया रुक जाए तो यह गंभीर समस्या का कारण बन जाती है। 

     पाचन तंत्र के क्रिया में गड़बड़ी होने के कारण भोजन न पचने को अपच या अजीर्ण  कहते हैं। यह खुद में कोई रोग नहीं है परंतु इसके कारण बहुत से रोग उत्पन्न हो सकते हैं। अगर अपच वाली स्थिति कई दिनों तक बनी रहती है तो मनुष्य के शरीर में खून की   बनने की क्रिया में रुकावट आने लगती है और मनुष्य का शरीर कमजोर पड़ जाता है।इसलिए अपच को साधारण रोग नहीं   समझना चाहिए। 

🌟 लक्षण(symptoms) :-

☀ अपच के लक्षण:-  
  1. अपच होने पर भूख ना लगना
  2. कभी कबार रोगी को घबराहट महसूस होना
  3. खट्टी खट्टी डकार आना
  4.  छाती में तेज जलन होना
  5.  जी  मचलाना
  6.  जीभ पर मैल जम जाना
  7.  पेट फूलना
  8. नींद ना आना और दस्त का होना
  9. कब्ज की शिकायत होना
  10. पेट में हवा एवं गैस बनना
  11. भोजन हजम ना होने के कारण पेट में भारीपन महसूस होना
  12. मुंह में बार बार लगातार पानी का आना
  13.  हर समय थोड़ी थोड़ी देर पर पेट में हल्का हल्का दर्द होना
  14.  रोगी को पसीना आना
  15. सांस में दुर्गंध निकलना पादते समय भी। 

🌟कारण(reason):-

     समय से भोजन ना खाने पर कभी कबार भोजन अपच का कारण बन जाता है।  जैसे, कुछ ही देर पहले खाए हुए भोजन के बाद फिर से भोजन खा लेने से दोनों भोजन अच्छे से पच नहीं पाते जिसके कारण अपच होता है।
 🌟 अपच पेट के कुछ खास रोगो के कारण भी हो सकता है जैसे कि:-
  1.  अल्सर(Ulcer) 
  2.  गर्ड
  3.  पेट के कैंसर
  4.  गैस्ट्रोपैरेसिस( Gastroparesis) 
  5.  पेट का संक्रमण
  6.  चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम
  7. पुरानी अग्न्याशयशोथ (Chronic pancreatitis)
  8.  थायराइड रोग(Thyroid)। 
 🌟 कुछ खास दवाएं भी अपच का कारण बन सकती हैं जैसे की:-
  1.  एसि्परिन (Aspirin) और कई अन्य दर्द निवारक गोलियां
  2.  एस्ट्रोजन और मौखिक गर्भ निरोधक
  3.  स्टेरॉयड(steroid) 
  4.  कुछ एंटीबायोटिक दवाई
  5.  थायराइड दवाएं
  6. कुछ जीवन शैली संबंधित आदतें भी अपच के लिए जिम्मेदार होती हैं
  7. उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ खाने,  बहुत ज्यादा भोजन या तनावपूर्ण तिथियों के दौरान खाना पीना
  8.  बहुत ज्यादा शराब पीने 

 🌟 उपचार:-

  1. अपच से बचने का सबसे आसान तरीका है,खान-पान संबंधित आदतों पर काबू रखना। 
☀ अपच से बचने के सरल उपाय:-
  1. मिर्च, मसाले, गरिष्ठ ,भोजन ,मछली ,शराब ,अंडा आदि का सेवन ना करें
  2. हरी सब्जियां जैसे मूली, पालक ,मेथी, लोकी और परवल आदि का सेवन करें
  3. रेशे वाली चीजें अधिक मात्रा में खाएं
  4. चोकर वाले आटे की रोटी खाएं
  5.  रात्रि के भोजन के बाद बाहर थोड़ा बहुत जरूर टहले
  6.  धूम्रपान छोड़ दें
  7. मादक पेय पेय पदार्थों से बचें
  8. यदि अपच पुराना हो तो गेहूं की दलिया , मूंग की दाल,  छाछ, पतली रोटी आदि के सिवाय और कुछ ना खाएं
  9. दिन में चार पांच गिलास पानी जरूर पिएं
  10. फ्रिज में रखा भोजन साग, सब्जी, दाल आदि ना खाए।सदैव ताजा तथा पौष्टिक भोजन करें 
  11. मन में क्रोध ,ईर्ष्या ,तनाव आदि नकारात्मक विचारों को बिल्कुल ना आने दे।मन के विचारों का सीधा प्रभाव पेड़ पर पड़ता है। 


Monday 7 October 2019

मुंह के छालों के घरेलू उपचार

🌟मुंह के छाले का घरेलू उपचार🌟 


🌟 नारियल का पानी :-
       दोस्तों जैसे हर बीमारियों की दवा होती है वैसे ही छालों की दवा ठंडाहक होती है। नारियल का पानी बहुत ही ठंडा एवं स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। जब उसे छालों पर लगाते हैं तब उससे मिलने वाली ठंडाहक़ छाले पर बहुत ही फायदेमंद होती है। 
       दोस्तों नारियल का पानी सिर्फ छालों पर ही फायदेमंद नहीं होता है, यह पेट भी साफ रखता है, हमारे चेहरे पर सुंदरता एवं निखार भी बनाए रखता है और हमें काफी रोगो से भी बचाए रखता है। 

🌟 शहद :-

     दोस्तों जैसे कि आप सब जानते हैं शहद बहुत ही रसीला एवं  बच्चों की पसंदीदाओ चीजों में से एक है। यह बहुत ही मीठा एवं शरीर के लिए फायदेमंद होता है। मुंह के छालों  की बात करें तो यहां बहुत ही असरदार होता है। इसे लगाने से  सिर्फ छालों पर आराम नहीं मिलता बल्कि या छालों को जड़ से उखाड़ फेंक देता है। आप इसे अपने हाथों पर एवं कॉटन के कपड़ों पर लगा करके इसे उपयोग कर सकते हो।